Tuesday, 20 December 2011

'अधिकतर लोग परमाणु बिजली घर नहीं चाहते' : सौर उर्जा ही एक मात्र विकल्प

बीबीसी के एक सर्वेक्षण से पता चलता है कि दुनिया भर में लोगों की रुचि अब नए परमाणु बिजली घर बनाने में नहीं है.
दुनिया के 23 देशों में 23 हज़ार से अधिक लोगों के बीच किए गए सर्वेक्षण में दो तिहाई से अधिक लोग नए परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने के विरोध में थे नए परमाणु ऊर्जा घरों का विरोध फ़्रांस, जर्मनी, मैक्सिको, रूस और जापान में बढ़ा है. सर्वेक्षण में शामिल देशों में भारत एकमात्र ऐसा देश है जहाँ परमाणु संयंत्र को लेकर लोगों की राय बँटी हुई है.
बीबीसी के पर्यावरण मामलों के संवाददाता का कहना है कि हालांकि लोग इसका विरोध कर रहे हैं लेकिन अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी जैसी संस्थाएँ परमाणु बिजली घरों का समर्थन करती रहेंगीं क्योंकि उन्हें लगता है कि बिजली की बढ़ती हुई मांग की आपूर्ति के लिए यह एक रास्ता है. दूसरी ओर सरकारें इसका समर्थन करेंगी क्योंकि कार्बन गैसों का उत्सर्जन नियंत्रित करने के लिए परमाणु ऊर्जा ही एक विकल्प है.
विकल्प के पक्ष में
ऐसे देशों में जहाँ परमाणु कार्यक्रम चल रहा है, लोग वर्ष 2005 की तुलना में अब परमाणु ऊर्जा संयंत्रों के ज़्यादा ख़िलाफ़ हैं. ज़्यादातर लोग मानते हैं कि बिजली से चलने वाले उपकरणों की दक्षता बढ़ाकर और ऊर्जा के नवीनीकरण का तरीक़ा तलाश करके ज़रुरतों को पूरा किया जा सकता है.

सर्वेक्षण के अनुसार, "सिर्फ़ 22 प्रतिशत लोग इस बात से सहमत थे कि परमाणु ऊर्जा अपेक्षाकृत सुरक्षित है, बिजली पैदा करने का एक महत्वपूर्ण स्रोत है और हमें और अधिक परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का निर्माण करना चाहिए." जबकि इसके ठीक विपरीत "71 प्रतिशत लोगों का मानना था कि उनका देश अगले 20 वर्षों में सौर उर्जा और पवन ऊर्जा से इतनी बिजली बना सकता है कि कोयले से चलने वाले और परमाणु ऊर्जा संयंत्रों को बंद किया जा सके." दुनिया भर में 39 प्रतिशत चाहते हैं कि जो संयंत्र चल रहे हैं उन्हें चलते रहने दिया जाए लेकिन नए संयंत्र बनाए जाएँ वहीं 30 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि जो संयंत्र चल रहे हैं उन्हें भी बंद कर दिया जाए.
भारत में बँटी हुई राय
इस सर्वेक्षण से पता चलता है कि भारत में परमाणु संयंत्रों को बंद करने और नया बनाने के मामले में लोगों की राय बँटी हुई है. वर्ष 2005 की तुलना में नए परमाणु संयंत्र लगाने का समर्थन करने वालों की संख्या 10 प्रतिशत घटकर 23 प्रतिशत रह गई है. वहीं 21 प्रतिशत लोग सोचते हैं कि परमाणु ऊर्जा संयंत्र ख़तरनाक हैं और जो संयंत्र इस समय चल रहे हैं उन्हें भी बंद कर दिया जाना चाहिए. सर्वेक्षण में कहा गया है कि भारत ही एकमात्र ऐसा देश है जहाँ लोगों की राय परमाणु उर्जा संयंत्रों के समर्थन और विरोध में इस तरह से बँटी हुई है.
भारत से सर्वेक्षण में हिस्सा लेने वालों में से 40 प्रतिशत लोगों की इस बारे में कोई राय नहीं थी कि बिजली पैदा करने के लिए परमाणु ऊर्जा संयंत्रों का किस हद तक उपयोग किया जाना चाहिए. वैसे इस समय भारत में दो नए परमाणु संयंत्रों का बड़ा विरोध हो रहा है. एक है तमिलनाडु में बनकर लगभग तैयार हो गए कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र का और दूसरा जैतापुर में प्रस्तावित संयंत्र का