Wednesday, 12 September 2012

हरियाणा का पहला सौर ऊर्जा चलित पैट्रोल पंप


शाहाबाद-लाडवा रोड स्थित मारकंडेश्वर मोटर्स पैट्रोल पंप हरियाणा का पहला सौर ऊर्जा चलित पंप बन गया है। यह जानकारी देते हुए पंप के मालिक रविन्द्र शर्मा ने बताया है कि अब पैट्रोल पंप पर दिन में बिजली व जैनरेटर की जरूरत नहीं रही।

उन्होंने बताया कि रात के समय बिजली न होने पर भी यह 8 घंटे तक बिजली चालू रखता है। उन्होंने कहा कि सौर ऊर्जा का प्लांट लगने से बिजली बचत के साथ-साथ पैसों की भी भारी बचत हो रही है।

उन्होंने बताया कि इंडियन ऑयल और भारत सरकार ने यह स्कीम शुरू की है और आने वाले समय में सभी पंपों पर सौर ऊर्जा से काम किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पर लगभग 5 लाख रुपए खर्चा आया है जिसमें से 30 प्रतिशत भारत सरकार ने सबसिडी के रूप में दिया है।

बजट के अभाव में सौर उर्जा योजना बेदम


मीरजापुर: कर्म खर्च व बगैर तारों के जंजाल के दुर्गम पहाड़ियों व जंगलों के बीच स्थित गांवों में सौर उर्जा प्लांट लगाने की योजना फाइलों में ही दम तोड़ रही है। दो साल पहले दर्जन भर गांवों को योजना में शामिल किया गया था लेकिन बजट के अभाव में काम नहीं हो पाया। इससे योजना अधर में लटकी पड़ी है।

राजगढ़ विकास खंड के जंगल महाल, शक्तेशगढ़, पटेहरा के ककरद, वनकी, लेदुकी हलिया के मतवार, कुशियरा, सगरा, नदना, अदवा, सुखड़ा आदि गांव ऐसे हैं जहां विद्युतीकरण नहीं है। इसके लिए यहां 15 से 20 किलोमीटर लंबा तार खिंचना पड़ेगा। एक-एक गांव के लिए पचास लाख से एक करोड़ का बजट चाहिए। ऐसे में यहां सौर उर्जा की व्यवस्था आसान है। इसमें न तो तार का झंझट है और न ही ट्रांसफार्मर लगाने की आवश्यकता। 50-60 हजार के बजट से पूरा गांव गुलजार हो जाएगा। शासन के निर्देश पर योजना भी बनी और जिले स्तर से प्रशासनिक स्वीकृति देकर प्रस्ताव शासन को भेजा भी गया जब बजट देने की बारी आई तो फाइल को वैकल्पिक उर्जा विभाग के ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। जनप्रतिनिधि भी शासन स्तर पर पहल नहीं कर पा रहे हैं। सूत्रों की माने तो मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का वैकल्पिक उर्जा विभाग पर विशेष जोर है। यह विभाग भी उन्हीं के पास है। उन्होंने पहल कर 200 करोड़ का बजट भी स्वीकृत कराया है। विभागीय अधिकारी दावा कर रहे हैं कि अब बजट के अभाव में अटकी योजनाओं पर धन अवमुक्त हो सकेगा।