मध्य प्रदेश में 50 लाख रुपये या इससे अधिक की लागत वाले सभी व्यावसायिक या निजी संस्थानों अथवा निजी भवनों को जल्द ही सोलर वाटर हीटर सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा। इस बोर में कुछ ही दिनों में राज्य सरकार अधिसूचना जारी हो सकती है। अधिसूचना जारी होने के बाद 50 लाख रुपये तक के नये भवनों को निर्माण मंजूरी लेने से पहले इस संबंध में मंजूरी लेनी होगी। वहीं मौजूदा उन भवनों में जहां गर्म जल की उपयोगिता होती हो वहां छह माह के अंदर यह लागू करना अनिवार्य होगा। ऐसे हर स्थल पर प्रतिदिन गर्म जल संयंत्र आवश्यकता के कम से कम 25 फीसदी गर्म जल की पूर्ति सौलर वाटर हीटर सिस्टम के द्वारा की जाएगी। लेकिन इस नियम से छावनी क्षेत्र एवं वे सभी क्षेत्र जो ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 की धारा-61 के अंतर्गत आते हैं इस अनिवार्यता से मुक्त रहेंगे। वहीं ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 के तहत जो संस्थाएं अथवा व्यक्ति यह कार्य नहीं करेंगे उनके ऊपर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। जिसमें दोगुना दर से टैरिफ लेने के साथ ही दंडात्मक शुल्क लग सकता है।
राज्य सरकार ने प्रदेश कैबिनेट माध्यम पारित करा कर सोलर वाटर हीटर सिस्टम की अनिवार्यता के संबंध में मंजूरी दी है। ऊर्जा विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक जल्द ही इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण अधिनियम-2001 की धारा 18 के तहत ऊर्जा के प्रभावी उपयोग तथा इसके संरक्षण एवं दक्षतापूर्ण उपयोग के उददेश्य से यह नया नियम लागू किया गया है। उल्लेखनीय है कि 100 लीटर के सोलर वाटर हीटर सिस्टम के प्रयोग से 60 हजार रुपये कीमत तक ऊर्जा की बचत एक वर्ष में की जा सकती है। साथ ही इसकी खरीद वैट मुक्त है। सूत्रों के मुताबिक इस प्रावधान में उद्योग जहां गर्मजल की आवश्यकता है। निजी अस्पताल, होटल, मोटल्स, विश्रामगृह भोजनालय एवं केंटीन, शासकीय एवं शासकीय सहायता प्राप्त संस्थाओं आदि पर यह लागू होगा।
ज्ञातव्य है की उत्तर प्रदेश में सौर उर्जा से चालित वाटर हीटर पर १२.५% का वैट लिया जाता है .
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