Saturday, 1 June 2013

समन्वित ग्रामीण ऊर्जा कार्यक्रम



उद्देश्य

1. ग्रामीण क्षेत्रो में उपलब्ध गैर परम्परागत उर्जा के साधनो का समुचित सदुपयोग करना।

2. सौर ऊर्जा से चालित उपरकणों, उन्नत किस्म के धुआं रहित चूल्हो के प्रयोग से पर्यावरण सरंक्षण करना।

3. नवीनतम व उर्जा सक्ष्म उपकरण ग्रामीणो को अनुदान दर पर उपलब्ध कराना।

प्रक्रिया

       इस कार्यक्रम को ग्रामीणों में लोकप्रिय बनाने के लिए विभिन्न प्रकार के उर्जा सक्ष्म उपकरण गैर परम्परागत उर्जा विभाग  द्वारा जिला ग्रामीण विकास एजैन्सी,के माध्यम से अनुदान  पर दिये जाते है। गांव में पहले जागरूकता शिविर, कुकिंग व पोस्टर, प्रतियोगिताओं द्वारा ग्रामीणों, महिलाओं, विद्यार्थियों में इन उपकरणों कि उपयोगिता व प्रचार प्रसाक संबंधी जानकारी दी जाती है। इसके पश्चात् एक निश्चित कार्यक्रम के अनुसार खण्ड़ के सभी गांव में कैम्प का आयोजन करके ग्रामीणों को मौके पर ही उपकरण अनुदान पर उपलब्ध करवाये जाते है।

 

क्या हम आज इन प्रश्नों का उत्तर दे सकते है ?



() आज हमारे देश में गो धन धीरे धीरे ख़त्म हो रहा है ....क्या  हमने पिछले १० वर्षों में एक भी दुधारू पशु पर अपना  निवेश किया है ? फिर हम रासायनिक दूध पर हल्ला क्यूँ मचाते  है ! 

() हमारे पारम्परिक बीजू साग सब्जी विलुप्त होती जा रही है / साग सब्जी तो हम रोज खाते है लेकिन हमने अपना कोई निवेश साग सब्जी के उत्पादन पर किया है ?

() ग्रामीण विकास की योजनाये शहरी परिवेश के वातानुकूलित कक्ष में बनती है . कितने ग्रामीण इन योजनाओं के सलाहकार मंडल में है ?

() ग्रामीण विकास की पिछली योजनाये कितनी कारगर है ?

() आज हम भीषण गर्मी से त्रस्त हैं ........ क्या हमने एक भी वृक्ष लगा कर उसकी देख भाल की है ?

 

Thursday, 11 October 2012

उत्तर प्रदेश में सोलर पंप से अब होगी खेतों की सिंचाई

डीजल की महंगाई की मार झेल रहे किसानों के दर्द पर सोलर पंप मलहम लगाएगा। बगैर डीजल और बिजली के सोलर पंप के जरिए दिन भर में किसान सवा एकड़ खेत की सिंचाई कर सकेंगे। करीब 80 फीसदी अनुदान पर नेडा (उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा विकास अभिकरण) सोलर पंप उपलब्ध कराएगा। यह सुविधा सिर्फ लघु सीमांत किसानों को ही मिलेगी। केंद्र सरकार ने सोलर पंप सिंचाई योजना संचालित की थी। वर्ष 2002 में सरकार ने यह योजना बंद कर दी। अब नेडा ने इस योजना पर फिर से पहल शुरू की है। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इसमें अनुदान की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत चार लाख है, लेकिन पात्र किसानों को इसमें करीब 80 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। सिर्फ 79,248 रुपये देकर किसान सोलर पंप प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही 1,800 वाट बिजली उत्पादन करने की क्षमता भी सोलर पंप में है। सौर ऊर्जा के पैनल के सहारे उस बिजली से दिन में दो हार्स पावर का पंप चल सकेगा। पंप से दिन भर में 45,000 से 50,000 लीटर औसत पानी मिलेगा। इस पानी से किसान दिन भर में करीब सवा एकड़ खेत की सिंचाई बगैर बिजली और डीजल के कर सकेंगे। इस योजना का लाभ सिर्फ लघु सीमांत किसानों को ही मिलेगा। आधा एकड़ से ढाई एकड़ भूमि के स्वामी ही लघु सीमांत किसान होते हैं। सिंचाई के लिए सोलर पंप किसानों के बगैर किसी अन्य खर्च काफी उपयोगी साबित होगा।
मुफ्त में बिजली का भी उठाइए लुत्फ सोलर पंप सिंचाई के साथ बिजली की समस्या को भी दूर करेगा। सिंचाई के सीजन के बाद सोलर पंप का उपयोग किसान अपने घरों पर बिजली उत्पादन के लिए कर सकते है। दिन में 1,800 वाट बिजली उत्पादन करने की क्षमता सोलर पंप की है। ऐसे में बिना किसी खर्च के खेतों की सिंचाई के साथ बिजली का लुत्फ भी किसान उठा सकते हैं।

Tuesday, 9 October 2012

मध्य प्रदेश भी गुजरात की तरह सौर उर्जा के क्षेत्र में स्वावलंबी होने तरफ अग्रसर

मध्य प्रदेश में 50 लाख रुपये या इससे अधिक की लागत वाले सभी व्यावसायिक या निजी संस्थानों अथवा निजी भवनों को जल्द ही सोलर वाटर हीटर सिस्टम लगाना अनिवार्य होगा। इस बोर में कुछ ही दिनों में राज्य सरकार अधिसूचना जारी हो सकती है। अधिसूचना जारी होने के बाद 50 लाख रुपये तक के नये भवनों को निर्माण मंजूरी लेने से पहले इस संबंध में मंजूरी लेनी होगी। वहीं मौजूदा उन भवनों में जहां गर्म जल की उपयोगिता होती हो वहां छह माह के अंदर यह लागू करना अनिवार्य होगा। ऐसे हर स्थल पर प्रतिदिन गर्म जल संयंत्र आवश्यकता के कम से कम 25 फीसदी गर्म जल की पूर्ति सौलर वाटर हीटर सिस्टम के द्वारा की जाएगी। लेकिन इस नियम से छावनी क्षेत्र एवं वे सभी क्षेत्र जो ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 की धारा-61 के अंतर्गत आते हैं इस अनिवार्यता से मुक्त रहेंगे। वहीं ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 के तहत जो संस्थाएं अथवा व्यक्ति यह कार्य नहीं करेंगे उनके ऊपर दंडात्मक कार्यवाही की जाएगी। जिसमें दोगुना दर से टैरिफ लेने के साथ ही दंडात्मक शुल्क  लग सकता है।
राज्य सरकार  ने प्रदेश कैबिनेट माध्यम पारित करा कर सोलर वाटर हीटर सिस्टम की अनिवार्यता के संबंध में  मंजूरी दी है।  ऊर्जा विभाग के उच्च पदस्थ सूत्रों के मुताबिक जल्द ही इस संबंध में जल्द ही अधिसूचना जारी की जा सकती है। उन्होंने कहा कि ऊर्जा संरक्षण अधिनियम-2001 की धारा 18 के तहत ऊर्जा के प्रभावी उपयोग तथा इसके संरक्षण एवं दक्षतापूर्ण उपयोग के उददेश्य से यह नया नियम लागू किया गया है। उल्लेखनीय है कि 100 लीटर के सोलर वाटर हीटर सिस्टम के प्रयोग से 60 हजार रुपये कीमत तक ऊर्जा की बचत एक वर्ष में की जा सकती है। साथ ही इसकी खरीद वैट मुक्त है। सूत्रों के मुताबिक इस प्रावधान में उद्योग जहां गर्मजल की आवश्यकता है। निजी अस्पताल, होटल, मोटल्स, विश्रामगृह भोजनालय एवं केंटीन, शासकीय एवं शासकीय सहायता प्राप्त संस्थाओं आदि पर यह लागू होगा।
ज्ञातव्य है की उत्तर प्रदेश में सौर उर्जा से चालित वाटर हीटर पर १२.% का वैट लिया जाता है .