Thursday, 29 March 2012

क्या आप को मालूम है ????? वित्तीय समावेशन: चुनोतियां व संभावनाएं : ग्रामीण क्षेत्रों में


आजादी के साठ साल बाद भी केवल चालीस प्रतिशत भारतीयों के बैंकों में बचत खाते हैं और ,५०,००० गावों में से सिर्फ प्रतिशत में बैंक शाखाएं हैं| गरीबी हटाओ को लेकर सरकार द्वारा चलाए गए सारे अभियान असफल होने के पीछे प्रमुख कारण वित्तीय समावेशन का अभाव ही है| भारतीय रिजर्व बैंक की लाख कोशिशों के बावजूद आज भी वित्तीय समावेशन बेंकों के लिए महज एक औपचारिकता से बढ़कर कुछ नहीं है| वित्तीय समावेशन को लेकर सरकार और रिजर्व बैंक की नीतिओं में कई मूलभूत खामियाँ भी रही| इनमें प्रमुख थी प्रारम्भ में वित्तीय समावेशन का सारा बोझ सरकारी बेंकों पर लादना| कोई भी वित्तीय संस्था किसी भी प्रकार का अलाभकारी व्यापार क्यों करेगी? शायद इसीलिए अब निजी क्षेत्र के बेंकों को भी ये जिम्मेदारी अनिवार्य रुप से दी जा रही है जो एक स्वागत् योग्य कदम है|

Tuesday, 27 March 2012

सौर उर्जा से जगमगाएंगी हावड़ा शहर की इमारतें


अब शहर की बहुमंजिली इमारतें सौर उर्जा की रोशनी से जगमगाएंगी। हावड़ा निगम निगम ने इस व्यवस्था को जरूरी कर दिया है। इसकी अनदेखी करने वालों को मकान बनाने की अनुमति नहीं मिलेगी। वर्तमान वर्ष से प्रत्येक नई बहुमंजिली इमारतों में सौर उर्जा की व्यवस्था को आवश्यक कर दिया गया है। ऐसा नहीं होने पर नए बहुमंजिले मकानों के लिए प्लान पास नहीं किया जाएगा। गहराते बिजली संकट को देखते हुए नगर निगम ने वैकल्पिक उर्जा के तहत बिजली उत्पन्न करने पर जोर दिया है। गौर हो कि हावड़ा निगम मुख्यालय में पहले से ही सामान्य बिजली के साथ सौर उर्जा की व्यवस्था भी की गई है। इसका और विस्तार किया जाऐगा। शरत सदन भी शीघ्र सौर उर्जा से रोशन होगा। सीईएससी पर बढ़ते बोझ को देखते हुए वैकल्पिक उर्जा का उपयोग भी जरूरी कर दिया गया है। इस उपाय को लागू करने में किसी तरह की लापरवाही नहीं हो, इसके लिए निगम ने कड़ा रूख अपनाया है। वैकल्पिक उर्जा का उपयोग सिर्फ बिजली संकट से निपटने के लिए ही नहीं है बल्कि पर्यावरण प्रदूषण रोकने के लिए भी है। निगम ने इस उद्देश्य पर आगे बढ़ते हुए वर्ष 2012 से हर नई इमारतों में सौर उर्जा की परियोजना को लगाना जरूरी कर दिया है। इस व्यवस्था को लागू नहीं करने वाले मकान मालिकों को नई बिल्डिंग बनाने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

सौर उर्जा चालित जलापूर्ति योजना से ग्रामीण खुश


बिहार में वैकल्पिक उर्जा के उपयोग में एक और आयाम स्थापित किया गया है , मुखमंत्री की बहु आयामी योजना के अंतर्गत के तहत गया जनपद के  अतरी थाने की सहोड़ा पंचायत के पथरी गांव में सौर उर्जा चालित मिनी ग्रामीण जलापूर्ति योजना के चालू होने से ग्रामीण क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गयी है। अब लोग स्वच्छ जल पिएंगे।

जिला मुख्यालय से उतर क्षेत्र पहाड़ी रहने के कारण जमीन के नीचे 300-400 फीट के नीचे पानी मिलता है। यह आम आदमी की पहुंच से दूर था और गांव के लोग पैमार नदी तथा कुआं के पानी पीते थे जिससे हमेशा गांव में डायरिया रोग होता रहता था।