Saturday, 24 September 2011

आखिर सौर उर्जा कैसे जन साधारण तक पहुंचे

सौर उर्जा के विकास में  केंद्र सरकार और मध्य प्रदेश की के बीच अब टकराहट की प्रतिध्वनि तेज होती जा रही है। एक के बाद एक कर केंद्र सरकार द्वारा राज्य के साथ अनेक मामलों में सख्ती बरती जा रही है। हाल ही में मध्य प्रदेश में उर्जा की बचत के लिए सौर उर्जा इकाईयों की स्थापना का काम ठण्डे बस्ते के हवाले होता दिख रहा है। सौर उर्जा संयंत्रों की स्थापना पर केंद्र सरकार द्वारा अनुदान  दी जाती है, किन्तु अहर्ताएं पूरी न हो पाने से मध्य प्रदेश के खाते की अनुदान  अभी खटाई में ही है।

केंद्रीय नवीनीकृत उर्जा मंत्रालय के द्वारा  कि सौर उर्जा संयंत्रों की स्थापना में केंद्र सरकार द्वारा अनुदान प्रदान की जाती है। ज्ञातव्य है कि  मंत्रालय की गाईड लाईन के अनुसार सौर उर्जा संयंत्र में प्रयुक्त होने वाली  बैटरी  के रख रखाव को लेकर उलझन अभी भी बनी हुई है। केंद्र सरकार चाहती है कि मध्य प्रदेश सरकार इन बैटरीयों के रखरखाव की जवाबदारी अपने सर ले। इस आशय का पत्र भी मंत्रालय द्वारा मध्य प्रदेश सरकार को भेजा जा चुका है।

सूत्रों ने कहा कि दो माह पूर्व लिखे इस पत्र का जवाब देना मध्य प्रदेश सरकार के उर्जा विभाग या उर्जा विकास निगम ने मुनासिब नहीं समझा है। इसके साथ ही साथ मध्य प्रदेश से आए लाखों आवेदनों में अधिकांश होम लाईट के हैं जिन पर सब्सीडी देने से केंद्रीय मंत्रालय ने पूर्व में ही साफ तौर पर इंकार कर दिया था।

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