डीजल की महंगाई की मार झेल रहे किसानों के दर्द पर सोलर पंप मलहम लगाएगा। बगैर डीजल और बिजली के सोलर पंप के जरिए दिन भर में किसान सवा एकड़ खेत की सिंचाई कर सकेंगे। करीब 80 फीसदी अनुदान पर नेडा (उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय उर्जा विकास अभिकरण) सोलर पंप उपलब्ध कराएगा। यह सुविधा सिर्फ लघु सीमांत किसानों को ही मिलेगी। केंद्र सरकार ने सोलर पंप सिंचाई योजना संचालित की थी। वर्ष 2002 में सरकार ने यह योजना बंद कर दी। अब नेडा ने इस योजना पर फिर से पहल शुरू की है। राज्य सरकार ने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के तहत इसमें अनुदान की स्वीकृति प्रदान कर दी है। इस प्रोजेक्ट की कुल लागत चार लाख है, लेकिन पात्र किसानों को इसमें करीब 80 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। सिर्फ 79,248 रुपये देकर किसान सोलर पंप प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही 1,800 वाट बिजली उत्पादन करने की क्षमता भी सोलर पंप में है। सौर ऊर्जा के पैनल के सहारे उस बिजली से दिन में दो हार्स पावर का पंप चल सकेगा। पंप से दिन भर में 45,000 से 50,000 लीटर औसत पानी मिलेगा। इस पानी से किसान दिन भर में करीब सवा एकड़ खेत की सिंचाई बगैर बिजली और डीजल के कर सकेंगे। इस योजना का लाभ सिर्फ लघु सीमांत किसानों को ही मिलेगा। आधा एकड़ से ढाई एकड़ भूमि के स्वामी ही लघु सीमांत किसान होते हैं। सिंचाई के लिए सोलर पंप किसानों के बगैर किसी अन्य खर्च काफी उपयोगी साबित होगा।
मुफ्त में बिजली का भी उठाइए लुत्फ सोलर पंप सिंचाई के साथ बिजली की समस्या को भी दूर करेगा। सिंचाई के सीजन के बाद सोलर पंप का उपयोग किसान अपने घरों पर बिजली उत्पादन के लिए कर सकते है। दिन में 1,800 वाट बिजली उत्पादन करने की क्षमता सोलर पंप की है। ऐसे में बिना किसी खर्च के खेतों की सिंचाई के साथ बिजली का लुत्फ भी किसान उठा सकते हैं।
मुफ्त में बिजली का भी उठाइए लुत्फ सोलर पंप सिंचाई के साथ बिजली की समस्या को भी दूर करेगा। सिंचाई के सीजन के बाद सोलर पंप का उपयोग किसान अपने घरों पर बिजली उत्पादन के लिए कर सकते है। दिन में 1,800 वाट बिजली उत्पादन करने की क्षमता सोलर पंप की है। ऐसे में बिना किसी खर्च के खेतों की सिंचाई के साथ बिजली का लुत्फ भी किसान उठा सकते हैं।