राजस्थान में सौर उर्जा की अपार संभावनाएं हैं। प्रदेश में वर्तमान योजना की तर्ज पर आगामी योजना में भी सर्वाधिक राशि ऊर्जा क्षेत्र पर खर्च होगी।
भारत सरकार ने झुंझुनूं से लेकर जैसलमेर तक के क्षेत्र को सौर ऊर्जा जोन घोषित किया है। सरकार सौर उर्जा की संभावनाओं को देख सर्वाधिक बजट खर्च कर रही है। 2022 तक सौर ऊर्जा प्लांटों के माध्यम से तीन हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। खेतड़ी में सौर ऊर्जा का गौरीर प्लांट चालू हो गया है। बबाई प्लांट निर्माणधीन है।
रसूलपुर में नया प्लांट स्वीकृत किया गया है। प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऊर्जा क्षेत्र को प्राथमिकता दी जा रही है और इस बार करीब 12 हजार करोड़ रुपए इस मद पर खर्च होंगे।
भारत सरकार ने झुंझुनूं से लेकर जैसलमेर तक के क्षेत्र को सौर ऊर्जा जोन घोषित किया है। सरकार सौर उर्जा की संभावनाओं को देख सर्वाधिक बजट खर्च कर रही है। 2022 तक सौर ऊर्जा प्लांटों के माध्यम से तीन हजार मेगावाट बिजली उत्पादन का लक्ष्य है। खेतड़ी में सौर ऊर्जा का गौरीर प्लांट चालू हो गया है। बबाई प्लांट निर्माणधीन है।
रसूलपुर में नया प्लांट स्वीकृत किया गया है। प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए ऊर्जा क्षेत्र को प्राथमिकता दी जा रही है और इस बार करीब 12 हजार करोड़ रुपए इस मद पर खर्च होंगे।
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